Shree Hari
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Swamiji Maharaj/ Sri Bajranglalji
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Gita ji Bhajan – Hindi
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गीताजीके भजन
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गीता नहीं गासी
भाई
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गोविन्द म्हाने गीता ज्ञान
सुनावो म्हारा श्याम
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जय जगद जननी
भगवद गीता
हरी मुखकी
बानी
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जय श्री जगत
गुरु भगवान्
अनोखी थारी गीता
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पीवो गीता ईमरत
बूटी यह
संजीवनी की
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पढ़ो क्यों न गीता, जनम
जाए बीता
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गीता प्रेस
पुस्तक प्रचार भजन
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भाई बहनो पढ़कर
देखो पुस्तक
जीता गीता
प्रेस की
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Other Bhajan – Hindi - Marwadi
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चेतावनी भजन
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डरते रहो यह
जिंदगी बेकार ना
हो जाए
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अकेला काई आवोरे
सत्संगतमें
भाई
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अरे जीव क्यों
नीचे उतर्या
जावे रे
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यह अवसर फिर
नहीं मिलने
का सत्संग
करो सत्संग
करो
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अरे जीव क्यूँ
नीचो उतरीया
जावे रे
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उड़ जाएगारे
हंस अकेला
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कांहे को देह
धरी रे
भजन बिना
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किसका लिया सहारा
प्राणी, बहता यह
जग सारा
रे
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मनवा क्यों पछतावे
रे
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हरिः का गुण
गाय ले
जोगिया
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संत भजन
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जग में संतन
की महिमा
को कोई
बड़भागी लख पाय
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हाँ महाराज हाँ महाराज
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हाँ महाराज हाँ महाराज
- २
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अमरापुर मारो सासरो
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अरे आवन की मिल
जावन की
कोई कहियो
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अरे बीरा गंगा
के तट
पर चाल
दिखाऊं तने हरी
नगरी
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आपका हूँ ! आपका हूँ ! आपका ही
रहूँगा !
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एक अचम्बा
हमने देखा
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कैसौ खेल राच्यों
मेरे दाता
जित देखूं
उत तू
ही तू
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कृपा निधान
करिये
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कृष्णा कनैह्यो नंदजीनो लालो, बंसी
बजावे मारो व्हालो
रे
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गोपी गीता
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गोविन्द क्यों
नहीं गावे
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जायेगी लाज तिहारी हो नाथ
मेरो का
बिगड़े
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जनम लियो वाने मरने
परसी
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तन धर सुखिया कोई नहीं
देखिया
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तुमको भूलूँ अब
नहीं नाथ ! दास
पर ऐसी
कृपा करो !
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तुमको भूलूँ अब
नहीं नाथ ! मौको
राखो हरदम
साथ
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तू ही है तू ही है जो कुछ है
सो तू
ही है
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ददी
दूँगी रे
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दर्शन कीजीयो
जी हरी
की लीला
है
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धन धन थारी
माई
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नाथ मैं थारो
जी थारो
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नाथ थारे शरण पड़ी
दासी
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नाथ थारे शरणे
आयो जी
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नाथ थाने कियाँ
रिझावूं जी
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बड़े घर ताली
लागी रे
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भज गोविन्द गोविन्द गोपाला
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म्हारी नगरी माँ
उतरयो छे आये
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मैं नहीं मेरा
नहीं यह
तन किसीका
है दिया
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मैं तो ढूंढ्यो
जग सारो
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मतवारी ये मैना
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मति देखो करनी
हमारे
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मन रे अब तू जग से छूटो
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मारे मति मैय्या
वचन भर
वायले
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मिलता है सच्चा
सुख केवल
भगवान् तुम्हारे चरणों में
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म्हारा मालिक कृपा
निधान
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म्हारो प्यारो प्रकट्यो आज जगतमें
दरस रह्यो
जी दरस
रह्यो
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मूरख मन चित
अज्ञानी रे
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मूरख
मन राम
बिसारियो
रे
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रंग में बोरोरी
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लग गया प्रेम
बिहारी सौं !
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लिवि है फकीरी
फिकर न करना
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वोह घर गुरूजी
क्यों न बताओ
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सावरी सूरत माहरे
मन में
बसी
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हरे मन उड़ जैसी हंसलो
भवरे
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राम भजन / रामायण भजन
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मैं तो म्हारे
रामजीका, रामजी
हमारा है
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मौकों रामजी मिला
यो, दुर्लभ
मिन खा
देही पायो
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मान लिया
मान लिया
मान लिया
जी, रामजी
हमारे मान लिया
जी
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नफ़ा पाया है राम
फकीरी में
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राम बिना मति
बोल
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राम सदा मुख
बोल हंसा
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बन में देखिया
दो वनवासी
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म्हाने राम मिलन
सो चावो
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बानर बाँको रे लंका
नगरी में
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बानर बाँको रे लंका
नगरी में
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संत भजन
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संत कहे हरि
भजन करो
रे, लोग
मरे रुपया
ताई
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संतों की पद सेवा कीजियो
जी
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हे मेरे गुरुजन
श्रेष्ठ शत शत वंदन करू
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राम जन्म
/ राम नवमी
उत्सव भजन
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तारो लल्ला प्रगट
भये आज,
अवध में
लाडवा बटे
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दशरथजीके चारों लाल
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मात कौशल्या घर आनंद
छायो जी
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बाल लीला
भजन
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बाजीरे लल्ला की
पैजनिया -
ठुम ठुम
ठुम
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तेरे लाला ने वृजरज
खाई, जशोदा
सुन माई
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होली खेलन आयो
श्याम
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ब्रज में हरी
होली मचाई
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जन्माष्ठमी भजन
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भज गोविन्द गोविन्द गोपाला
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जय बोलो यशोदा
नंदन की
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बाजी रे लल्ला
की पैजनिया
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आवो नंद नंद
ना आवो
मदन मोहना
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ओ कृष्ण कनैह्या
आवो
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बलराम लल्ला घनश्याम
लल्ला
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जन्मे श्री कृष्ण
मुरारे भगत हितकारी
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भज बाल कृष्ण
नंदलाल गोविन्द गिरधारी
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कृष्ण - गोपाल
भजन
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कृष्ण कनैह्यो नंदजी नो
लालो बंसी
बजावे मारो वाहलो
रे
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आयो रे कनवो
छोटो सो
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म्हारा मदन गोपाल
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राधाष्ठमी भजन
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प्रेम की मूरति
नागर नट
की
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ATTENTION: Sadhaks with
good voices and sentiments of Swamiji are needed to record few key lectures
in English – mp3 format about 15-20 minutes, from Vishesh
Pravachan or Q&A messages. Please
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