|| श्रीहरि: ||

श्रीमनमोहनजी महाराज (Shri Manmohanji Maharaj)

                             गीता मूळ पाठ -  २.००

 

गीता ध्यानम्

अध्याय   1    अर्जुन विषादयोग

अध्याय   2   सांख्य योग

अध्याय   3   कर्म योग

अध्याय   4   ज्ञानकर्म सन्न्यास योग

अध्याय   5   कर्म सन्न्यास योग

अध्याय   6   आत्मसंयम योग

अध्याय   7   ज्ञान विज्ञान योग

अध्याय   8   अक्षरब्रह्म योग

अध्याय   9   राजविद्याराजगुह्य योग

अध्याय   10   विभूति योग

अध्याय   11   विश्वरूपदर्शन योग

अध्याय   12   भक्ति योग

अध्याय   13   क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग

अध्याय   14   गुणत्रयविभाग योग

अध्याय   15   पुरुषोत्तम योग

अध्याय   16   दैवासुरसंपद्विभाग योग

अध्याय   17   श्रद्धा त्रय  विभाग योग

अध्याय   18   मोक्ष सन्न्यास  योग

गीता महात्म्य

आरती  

गीता  सार

                             गीता मूळ पाठ -  २. ५०

 

गीता अध्याय   1 – 18

                             गीता मूळ पाठ -  १. ५०

 

गीता अध्याय   1 – 18